धरती के गीत
छतीसगढ़ के किसान होथन,
माटी के हम पुजारी !
भारत माँ के रतन बेटा,
गाँव के संगवारी !!
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
धरती दाई के कोरा म सोनहा फसल
उबजाबो उबजाबो रे भाई ...... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
नांगर बिला रांपा कुदारी
धरबोन खुमरी कमरा .... हो ......२
डीपरा खांचा ला एक म मिलाबो
मिलके जोहीं हम संघरा ... हो.... २
मिलही सब ला रे संगी मेहनत के फल
बांट खाबो अऊ कमाबो रे भाई .... 2
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
बेरा ऊये के पहिली रे संगी
चल ना रे खेत म जाबो ... हो .... २
देश के दुःख अऊ भूख ल रे भाई
मेहनत म हंखराबो ... हो ... 2
बेरा ऊवथे संगी झटकुन निकल
खेत जाबो अऊ कमाबो रे भाई .... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
भुइयाँ के हम ब्रम्हा रे संगी
माटी के भगवान ... हो .... २
कभू हम झगरा नई जानन
रईथन मिलके मितान ... हो ....२
मिलय सब ला बरोबर अन्न अऊ जल
अईसन गाबो अऊ कमाबो रे भाई ... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
धरती दाई के कोरा म सोनहा फसल
उबजाबो उबजाबो रे भाई ...... २
चलो गाँव के संगवारी ....... ४
© छेदूराम चन्द्रवंशी
No comments:
Post a Comment